मधुमेह (Diabetes Mellitus) क्या है?
खून में Sugar (Glucose) की म़ात्रा बढ़ने को मधुमेह कहते हैं। यह शरीर के कोशिकाओं द्वारा Sugar के उपयोग नहीं होने के कारण होता है। कोशिकाओं को ग्लूकोज नहीं मिलने के कारण उसे खाना नहीं मिलता है, परिणामस्वरूप उसे उर्जा नहीं मिलता और उसका विकास रूक जाता है। इससे शरीर कमजोर होने लगता है। धीरे—धीरे आँखों की रोशनी कमजोर, मानसिक कमजोरी, यादश्त कमजोर और शारीरिक क्षमता का ह्रास होने लगता है और अंतत: किडनी एवं हर्ट की समस्या होने लगती है।
मधुमेह के प्रकार
मधुमेह दो प्रकार के होते हैं—
टाईप—1 जिन्हें टाईप—1 मधुमेह है उसके शरीर में इंसूलिन बिल्कुल नहीं बनता है। इसका एकमात्र ईलाज माना जाता है इंसूलिन की सुई लेना।
टाईप—2 जिन्हें टाईप—2 मधुमेह है उसके शरीर में इंसूलिन बनता है पर या तो वह अच्छे गुण्वत्ता का नहीं होता या वह जरूरत से कम मात्रा में बनाता है या कोशिका इंसूलिन के प्रति प्रतिरोधी हो जाता है और कोशिका में ग्लूकोज नहीं घुसने देता है। ऐसी स्थिति में मरीज को रोज गोली खना पड़ता है। इन गोलियों में क्रोमियम होता है जो इंसूलिन को क्रियाशील करता है।
इंसूलिन का काम— यह पैंक्रियाज से निकलने वाला रस है जो ग्लूकोज को कोशिकाओं में पहुँचाता है। इंसूलिन केवल वाहक (Transporter) का काम करता है। ग्लूकोज का खपत तो शरीर की कोशिका करता है।
पहचान:
1. शरीर में कमजोरी महसूस होना
2. मानसिक कमजोरी महसूस होना
3. यादाश्त में कमी महसूस होना
4. मन थका—थका लगना और काम में जी नहीं लगना
5. बार—बार प्यास लगना
6. बार—बार पेशाब लगना
7. बार—बार भूख लगना
8. घाव का जल्दी नहीं भरना
Dignosis | Fasting Glucose mg/dl | PP Glucose mg/dl |
Normal | 70 <100 | <140 |
Pre-Diabitis | 101<126 | 140<200 |
Diabitics | >126 | >200 |
भारत को Dibetic Capital कहा जाता है। यहाँ मधुमेह से ग्रस्त लोगें की संख्या लगभग 8 करोड़ ( जापान, ब्रिटेन जैसे कई देशें की आबादी से अधिक) एवं प्री—डायबिटिक की संख्या लगभग 10 करोड़ है। प्रतिवर्ष करोड़ों लोग से श्रेणी में धुस रहे हैं और करोड़ों लोग Pre-Diabitic से Diabitic के श्रेणी में धुस रहे हैं। कहा जाता है कि यह वंशानुगत रोग है। अत: परिवार में अगर किसी को मधुमेह हो तो परिवार के बाकी लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए।
उपचार: एलोपैथी यानि आधुनिक चिकित्सा पद्धति में मधुमेह का कोई ईलाज नहीं है। इसे लाईलाज बिमारी घोषित किया जा चुका है। एलोपैथी में सिर्फ मधुमेह को नियंत्रित करने की बात करते है पर सच तो यह है कि एलोपैथी में इसे नियंत्रित भी नहीं करता है। अगर नियंत्रित किया जाता तो टाईप—2 मधुमेह के रोगियों को दी जानेवाली दवाओं की मात्राओं को समय—समय पर बढ़ाया नहीं जाता, रोगी टाईप—2 से टाईप—1 में नहीं परिवर्तित होता। यह तय है कि टाइप—2 के रोगी एक न एक दिन टाइप—1 कर रोगी बनेगा साथ ही वह उच्च रक्तचाप एवं कोलेस्र्ट्रोल का दवा भी जरूर लेगा। रोगी को मधुमेह से होनेवाली सारी परेशानियों का भी सामना तो करना ही पड़ता है साथ ही दवाओं के दुष्प्रभाव से होने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब प्रश्न यह उठता है कि विकल्प क्या है यानि मधुमेह के उपचार के एलोपैथी के अलावा क्या—क्या विकल्प है? क्या मधुमेह वाकई में लाईलाज बिमारी है या इसका ईलाज संभव है?
मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि मधुमेह लाईलाज बिमारी नहीं है और इसमें ताउम्र दवा खाने की जरूरत भी नहीं है। मैं यह दावे के साथ इसलिए कह सकता हूँ कि मैं खुद मधुमेह के नाजुक स्थिति से अपने आपको बाहर निकाला हूँ। यहाँ मैं अपने द्वारा सेवन किये गये औषधियाँ एवं योगों का नाम बता रहा हूँ। यह सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से बता रहा हूँ। अगर आप मधुमेह से पीड़ित हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो किसी योग्य बैद्य से अवश्य संपर्क करें। बिना दवा के भी यह बीमारी सिर्फ खान—पान सुधारकर ठीक हो सकता है। इसके लिए आप चाहे तो मुझसे संपर्क कर सकते हैं। मैं अपना अनुभव साझा तो करूंगा ही साथ में आवश्यक सुझाव भी दे दूँगा। मैं एक Certified Diabeties Educator हूँ। अपना नाम और मोबाईल नंबर मेरे Whatsapp नंबर 8447488475 पर भेज दें। शनिवार, रविवार एवं अवकाश के दिनों में मैं अवश्य संपर्क करूंगा।
पतंजलि औषधि
क्रमांक | नाम | मात्रा | सेवन विधि |
वसंत कुसुमाकर रस | 2 ग्राम | सभी औषधि को मिलाकर 60 पुड़िया बना लें और एक—एक पुड़िया सुबह—शाम भोजन करने से आधा धंटा पहले जल के साथ ग्रहण करें। | |
अभ्रक भस्म | 5 ग्राम | ||
स्वर्णमाणिक भस्म | 5 ग्राम | ||
गिलोय सत | 20 ग्राम | ||
प्रवाल पंचामृत | 10 ग्राम | ||
मुक्तापिष्टी | 4 ग्राम | ||
मधुनाशनी वटी | 120 | दो—दो गोली सुबह—शाम खाली पेट चबाकर जल के साथ लेना है। | |
आरोग्य वटी | 40 ग्राम | एक—एक गोली सुबह—शाम खाली पेट (भोजन के आधा घंटा पहले) चबाकर जल के साथ लेना है। | |
गिलोय वटी | 40 ग्राम | ||
चन्द्रप्रभावटी | 60 ग्राम | दो—दो गोली सुबह—शाम भोजन के आधा घंटा बाद चबाकर जल के साथ लेना है। | |
मधुकल्प वटी | 60 ग्राम | ||
शिलाजीत सत | 20 ML | सुबह—शाम भोजन के आधा घंटा बाद दो—दो बूंद दूध के साथ लेना है। |
एलोवेरा जूस जामुन सिरका | सुबह—शाम खाली पेट (भोजन के आधा घंटा पहले) जल के साथ लेना है। | |
खीऱा, टमाटर और करेला का जूस | एक छोटा खीरा, टमाटर और करेला का जूस सुबह—सुबह खाली पेट लें। |
कपालभाति | आधा—आधा घंटा सुबह—शाम | |
अनुलोम—विलोम | आधा—आधा घंटा सुबह—शाम | |
मंडूक आसन | 10 मिनट घंटा सुबह—शाम | |
तेज चलना | आधा—आधा घंटा सुबह—शाम | |
धूप स्नान | आधा घंटा प्रतिदिन धूप में रहें। |
डॉ विश्वरूप रॉय चौधरी द्वारा सुझाये गये उपाय
प्रथम चरण : क्या खाना है?
सुबह से लेकर दोपहर के 12 बजे तक | दोपहर का खाना | रात का खाना |
चार प्रकार के कोई भी फल, अपने वजन के 1 प्रतिशत छिलकारहित। | दो प्लेट लें, प्लेट—1 और प्लेट—2 । प्लेट—1 में सलाद लें अपने वजन का आधा प्रतिशत। प्लेट—2 में घर का बना हुआ कम तेल मसाले वाला खाना। | दोपहर के खाने की तरह। |
अगर आपका वजन 60 किलोग्राम है तो कम से कम 600 ग्राम छिलका के बिना वजन कोई भी चार प्रकार के फल खायें। अगर एक बार में नहीं खा सके तो दो बार में खायें। | अगर आपका वजन 60 किलोग्राम हो तो कम से कम 300 ग्राम सलाद ले। सलाद में खीरा, टमाटर, ककड़ी या इसी तरह के अन्य कच्चे खाये जा सकने वाली सब्जियाँ। पहले प्लेट—1 का सलाद पूरा खायें इसके बाद प्लेट—2 का भोजन खायें। |
दूसरा चरण : क्या नहीं खाना है?
M | R | P | S |
Milk Products & Animal Products | Refined Products | Packed Food | Food Supplements |
दूध एवं दुग्ध उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर, छाछ, घी, दूध से बनी मिठाईयाँ। | सफेद रिफाइ्ंड चीनी एवं नमक, रिफाइंड तेल एवं रिफाइंड तेल से बना कोई भी खाद्य पदार्थ, अन्य रिफाइंड उत्पाद। | कोई भी खाद्य पदार्थ जो डिब्बे में बंद हो । | कोई भी supplements की गोलियाँ न खायें। हो सकता है इनके फायदे बहुत बताया गया हो, पर यह मधुमेह के रोगियों के लिए खतरनाक ही है। |
तीसरा चरण : योग एवं व्ययाम
Exercise | Yoga | Sun Bath |
तेज चलना | कपालभाति, अनुलोम—विलोम, मंडूक आसन | प्रतिदिन कम से कम आधा धंटा धूप में जरूर रहे। |
चौथा कदम : दवा बंद अथवा कम करना।
टाईप—2 के रोगी मधुमेह की दवा लेना बिल्कुल बंद कर दें। साथ में अगर उच्च रक्तचाप या कोलेस्ट्रोल की दवा ले रहे हो तो उसे भी बंद कर दें।
टाईप—1 के रोगी सिर्फ आवश्यकतानुसार ही इंसुलिन लें। शुरू में इंसुलिन की मात्रा एक तिहाई कम हो जायेगी और बाद में धीरे—धीरे इसे बंद करनी पड़ेगी।
ध्यान रहे अगर दवा बंद नहीं करेंगे तो शरीर में Sugar की मात्रा कम हो जायेगी। जिसके गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
संजय कुमार, मोबाईल नं : 8447488475 (Only Whatsapp)
बहुत बढ़िया ब्लॉग लेख। मुझे वास्तव में पसंद है। साझा करने के लिए धन्यवाद।
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