पिताजी अक्सर कहा करते थे — काम बिगाड़े तीन। अगर, मगर, लेकिन। मतबलब जहाँ कहीं भी ये तीनों में से किसी भी शब्द का प्रयोग हो तो सावधान हो जाना चाहिए। ये तीनों ऐसे शब्द हैं जिसका सामना जीवनभर हर इंसान को करना पड़ता है। जो इन शब्दों को समरझते हैं वे बहुत सारी परेशानियों से बच जाते हैं। वैसे तो इन तीनों शब्दों से शर्त का बोध होता है पर ये तीनों अनिश्चय का भी बोध करता है। यनि जिस भी वाक्य में इन तीनों में एक शब्द का प्रयोग हुआ वहाँ यह भी समझना चाहिए कि सकारात्मक सा दिखने वाला वाक्य वास्तव में नकारात्मक वाक्य है। जैसे राम अगर पढ़ेगा तो सफल होगा, मतलब साफ है राम पढ़ेगा नहीं। मैं तुम्हें रूपया तो दे दूँगा, मगर तुम्हें एक महीने बाद लौटाना होगा। मतलब मैं तुम्हें रूपया नहीं दूँगा। यह सामान तो ठीक है लेकिन पुरानी है। मतलब सामान ठीक नहीं है। इसलिए इन शब्दों को गाँठ बाँध लिजिये — काम बिगाड़े तीन। अगर, मगर, लेकिन।