बड़ा लक्ष्य निर्धारित करें।

अक्सर मोटिवेशनल स्पीकर यानि मोटिवेटर, विश्व प्रसिद्ध कहानियाँ सुनाते हैं, ताकि आप मोटिवेट हो सकें।  मैं आज आपको अपनी कहानी सुना रहा हूँ।  आने—अंजाने में मैं अपना लक्ष्य निर्धारित किया।  पर अज्ञानवश मैं अपने लक्ष्य का सही निर्धारण नहीं कर सका। अन्यथा मेरी सफलता निश्चित रूप से और बड़ी होती।  मेरे कहने का तात्पर्य यह है कि अगर मैं एक छोटा लक्ष्य निर्धारित किया और उस हासिल करने में सफल रहा तो अगर मैं बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया होता तो उसे भी अवश्य प्राप्त कर लेता।

किशोरावस्था से ही मेरे मन में आम विद्याथियों की तरह ही सरकारी सेवा में जाने का लक्ष्य था।  प्रयास करने के बाद में सरकारी सेवा में आ भी गया।  फिर मुझे लगा कि यह तो बहुत छोटी सी नौकरी है।  गुजर वसर करना मुश्किल हो रही थी।  इससे थोड़ी बड़ी नौकरी मिल जाये तो मजा आ जायेगा।  फिर प्रयास किया और उससे थोड़ी बड़ी सरकारी नौकरी मिल गई।  फिर महशुस हुआ कि ग्रेड तो बदल गया लेकिन प्रतिष्ठा में बहुत ज्यादा इजाफा नहीं हुआ। मन में एक ख्याल आया कि अधिकारी बन जाउँ तो अच्छी प्रतिष्ठा भी मिलेगी।  मैंने फिर प्रयास किया और अधिकारी भी बन गया।  पहले मैं ग्रुप सी कर्मचारी था, फिर ग्रुप बी कर्मचारी बना और उसके बाद ग्रुप बी अधिकरी बना।  फिर ग्रुप ए अधिकारी बनने की ईच्छा हुई लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।  मैं ग्रुप ए अधिकारी के लिए वांछित अधिकतम उम्रसीमा को पार कर चुका था। मैं अपने अनुभव से कह सकता हूँ कि लक्ष्य हमेशा बड़ा होना चाहिए और लक्ष्य समय रहते हुए निर्धारित कर उसे हासिल करने के लिए जुट जाना चाहिए। अन्यथा कहा भी गया है— का बर्षा जब कृषि सुखाने यानि फसल बरबाद हो जाने के बाद बर्षा यानि जल का कोई महत्व नहीं है।

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s