प्रथम अध्याय नीति:1.17
स्त्री पुरूष से आगे होती है
चाणक्य नीति के प्रथम अध्याय के सतरहें नीति में आचार्य चाणक्य पुरूष एवं महिला के बीच तुलना कर कहते हैं कि स्त्रियों में आहार दुगुना, लज्जा चौगुनी, साहस छ: गुना तथा कामवासना आठ गुनी होती है। यह गुण स्त्रियों के निंदनीय नहीं बल्कि प्रशंसनीय है।