तृतीय अध्याय नीति :3-13
वाणी में मधुरता लाएं
चाणक्य नीति के तृतीय अध्याय के तेरहवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बलवान व्यक्ति के लिए कोई भी वस्तु भारी नहीं होती। व्यापारियों के लिए कोई जगह दूर नहीं होता। विद्वान के लिए कहीं विदेश नहीं होता और मधुर बोलनेवाले का कोई पराया नहीं होता। मधुर वाणी बोलनेवाले सबको अपना बना लेता है।