चतुर्थ अध्याय नीति : 18
काम से पहले विचार कर लेना चाहिए
चाणक्य नीति के चतुर्थ अघ्याय के अठारहवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को किसी भी काम शुरू करने के पहले इन बातों को अच्छी तरह विचार कर लेना चाहिए—क्या यह समय इस काम को करने के लिए उचित रहेगा? मेरे सच्चे साथी कौन—कोन् हैं जो मेरी मदद करेंगे? क्या इस स्थान पर इस काम को करने से लाभ होगा? इस काम में कितना खर्च होगा और इससे कितनी आय होगी। मैंने किसकी मदद की है? तथा मेरे पास कितनी शक्ति है? इन प्रश्नों पर विचार करते हुए व्यक्ति को अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए तथा आत्म कल्याण के सदा प्रयत्न करते रहना चाहिए।