चतुर्थ अध्याय नीति :1
कुछ चीजें भाग्य से मिलती है
चाणक्य नीति के चतुर्थ अघ्याय के पहली नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जब प्राणी माँ के गर्भ में होता है तभी ये पाँच चीजें —आयु, कर्म, धन—संपत्ति, विद्या और मृत्यु उनके भाग्य में लिख दी जाती है। इनमें बाद में कोई परिवर्तन नहीं हो सकता।