चतुर्थ अध्याय नीति : 11
ये बातें एक बार ही होती है
चाणक्य नीति के चतुर्थ अघ्याय के ग्यारहवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि राजा का आदेश एक ही बार होता है। विद्वान लोग भी एक बात को एक ही बार कहते हैं। कन्यादान भी जीवन में एक ही बार किया जाता है। ये तीनों कार्य एक—एक बार ही होते हैं।