पंचम अध्याय नीति : 12
आत्मा को पहचानें
चाणक्य नीति के पंचम अघ्याय के बारहवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि काम—वासना मनुष्य का सबसे बड़ा रोग है, मोहमाया या अज्ञानता सबसे बड़ा शत्रु है। क्रोध के समान कोई आग नहीं है तथा ज्ञान के समान कोई सुख नहीं है। आत्मा को जानना ही ज्ञान कहा जाता है।