पंचम अध्याय नीति : 10
मूर्ख का त्याग करें
चाणक्य नीति के पंचम अघ्याय के दसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो लोग वेदों को, पांडित्य को, शास्त्रों को, सदाचार को तथा शांत मनुष्य को बदनाम करते हैं, वे बेकार कष्ट करते हैं। समाज के व्यापक हितों की दृष्टि से ऐसे व्यक्ति हर प्रकार से दुखदायी ही होते हैं। इसलिए इनका त्याग करने में समाज का हित है।