पंचम अध्याय नीति : 5
स्पष्टवादी बनें
चाणक्य नीति के पंचम अघ्याय के पाँचवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति को दुनियादारी से वैराग्य हो जाता है, उसे कोई कार्य नहीं सौंपना चाहिए। दूसरों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए श्रृंगार करने वाला व्यक्ति कामी होता है। अत: जो व्यक्ति कामी नहीं होता उसे श्रृंगार से प्रेम नहीं होता। विद्वान व्यक्ति सदा सत्य बात कहता है। वह प्रिय नहीं बोलता। साफ—साफ यानि स्पष्ट बातें करने वाला व्यक्ति कपटी नहीं होता है।