पंचम अध्याय नीति : 20
धर्म अटल है
चाणक्य नीति के पंचम अघ्याय के बीसवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि लक्ष्मी—धन, संपत्ति सब चंचल है यानि ये एक जगह स्थिर नहीं रहती। अत: इस पर विश्वास नहीं करना चाहिए, न ही इस पर घमंड करना चाहिए। प्राण, जीवन, शरीर और यह संसार भी सदा नहीं रहता। ये सब एक न एक दिन नष्ट हो जाने वाला है। संसार में अकेला धर्म ही है जो कभी नष्ट नहीं होता।