षष्ठम अध्याय नीति :7
काल प्रबल होता है
चाणक्य नीति के षष्ठम अघ्याय के सातवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि काल प्राणियों को निगल जाता है। काल सृष्टि का विनाश कर देता है। यह प्राणियों के सो जाने पर भी उसमें विद्यमान रहता है। इसका कोई अतिक्रमण नहीं कर सकता। अत: समय के महत्व को समझ कर ही आचरण करना चाहिए।