सप्तम अध्याय नीति : 10
किसके साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए
चाणक्य नीति के सप्तम अघ्याय के दसवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि शत्रु अपने से अधिक बलवान हो तो उसी के इच्छा के अनुसार चलना चाहिए। यदि अपने समान ही बलवान हो तब उनके साथ विनम्रता से रहना चाहिए या उसका मुकाबला बल से करना चाहिए परंतु दुष्ट के साथ दुष्टता ही करना चाहिए।