सप्तम अध्याय नीति : 9
कौन कब प्रसन्न होते हैं
चाणक्य नीति के सप्तम अघ्याय के नौवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ब्राह्मण भोजन से प्रसन्न होते हैं। मोर बादलों के गजरने पर प्रसन्न होते हैं। सज्जन दूसरों की संपन्नता पर यानि खुशी से सुखी होते हैं परंतु दुष्ट दूसरों की विपत्ति को देखकर प्रसन्न होते हैं।