अष्टम अध्याय नीति : 17
इन्हें शुद्ध समझना चाहिए
चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के सतरहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भूमिगत जल शुद्ध होता है, पतिव्रता स्त्री शुद्ध होती है। प्रजा का कल्याण करने वाला राजा शुद्ध होता है तथा संतोषी ब्राह्मण शुद्ध होता है।