अष्टम अध्याय नीति : 8
ज्ञान को व्यवहार में लाना चाहिए
चाणक्य नीति के अष्टम अघ्याय के आठवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि ज्ञान को व्यवहार में लाना चाहिए। ऐसा न करने पर वह नष्ट हो जाता है। अज्ञानी मनुष्य, बिना सेनापति की सेना तथा पति के बिना स्त्री नष्ट हो जाती है।