नवम अध्याय नीति : 9
इनसे डरना नहीं चाहिए
चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के नौवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति किसी उंचे पद पर न हो और धनवान भी न हो, ऐसा व्यक्ति रूठ जाने पर किसी का क्या बिगाड़ लेगा और प्रसन्न हो जाने पर किसी को क्या दे सकेगा? ऐसे व्यक्ति का रूठना या खुश होना कोई मायने नहीं रखता।