नवम अध्याय नीति : 1
मोक्ष
चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के पहली नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि मनुष्य मोक्ष चाहता है तो सबसे पहले अपनी इन्द्रियों के विषयों को विष समझकर इनका त्याग करना चाहिए। फिर क्षमा, दया आदि गुणों को अपनाना चाहिए तथा सच्चाई की राह पर चलते हुए अपनी आत्मा को पवित्र करना चाहिएं तभी मुक्ति मिल सकती है।