नवम अध्याय नीति : 3
विडंबना
चाणक्य नीति के नवम अघ्याय के तीसरी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सोना कीमती धातु है पर इसमें सुगंध नहीं होती। गन्ने में मिठास होती है, पर इसमें फल नहीं लगते। चंदन में सुगंध है पर फूल नहीं आते। विद्वान व्यक्ति निर्धन होते हैं और राजाओं को लंबी आयु नहीं होती। क्या सृष्टि बनानेवाले ब्रह्मा को इन सब बातों की सलाह पहले किसी ने न दी होगी?