दशम अध्याय नीति : 4
कवि क्या नहीं देखते
चाणक्य नीति के दशम अघ्याय के चौथी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कवि क्या नहीं देेखते? स्त्रियां क्या नहीं करती? शराबी क्या नहीं बकते? तथा कौए क्या नहीं खाते? मतलब कवि अपनी कल्पना से सब कुछ देख सकते हैं। वे जो सोचें, वही कम है। स्त्रियां हर अच्छा—बुरा काम कर सकती हैं। शराबी नशे में कुछ भी बोल सकता है। कौआ हर अच्छी—गंदी वस्तु खा जाता है।