एकादश अध्याय नीति : 5
गुण तथा प्रवृति
चाणक्य नीति के एकादश अघ्याय के पाँचवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिसे घर से अधिक प्रेम होता है, वह विद्या प्राप्त नहीं कर सकता। मांस खानेवाला व्यक्ति दयावान नहीं हो सकता। धन के लोभ से सच्चाई दूर रहती है। स्त्रियों के पीछे भागनेवाला कामुक व्यक्ति में पवित्रता नहीं होती।