दशम अध्याय नीति : 11
दुश्मनी का परिणाम
चाणक्य नीति के दशम अघ्याय के ग्यारहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि साधु—महात्माओं से शत्रुता करने पर मृत्यु होती है। शत्रु से द्वेष करने पर धन का नाश होता है। राजा से शत्रुता करने पर सबकुछ का नाश हो जाता है। ब्राह्मण से द्वेष करने पर कुल का नाश हो जाता है।