दशम अध्याय नीति : 5
भाग्य
चाणक्य नीति के दशम अघ्याय के पाँचवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भाग्य बड़ा बलवान होता है। यह एक भिखारी को पल भर में राजा बना देता है और एक ही पल में राजा को रंक यानि भिखारी बना देता है। कर्म के बाद फल काफी कुछ भाग्य पर निर्भर करता है।