एकादश अध्याय नीति : 1
संस्कार का प्रभाव
चाणक्य नीति के एकादश अघ्याय के पहली नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दान देने का स्वभाव, सबके साथ मधुरता से बातें करना, धीरज तथा सही चीज की पहचान करना ये व्यक्ति के जन्मजात गुण हैं, अर्थात ये गुण व्यक्ति के साथ ही पैदा होते हैं। इन गुणों को किसी को सिखाया नहीं जा सकता। व्यक्ति चाहे स्वयं इनका कितना भी अभ्यास क्यों न करे, इन्हें प्राप्त नहीं किया जा सकता।