एकादश अध्याय नीति : 3
सूरत से सीरत भली
चाणक्य नीति के एकादश अघ्याय के तीसरी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विशाल शरीरवाला होने पर भी हाथी को अंकुश से वश में किया जाता है। दीपक जलने पर घने अंधकार दूर कर देता है। ब्रज के आघातों से पहाड़ टूटकर गिर पड़ते हैं। इस प्रकार आकार के कारण नहीं बल्कि गुण के कारण वस्तु की महत्ता है। मोटा—ताजा होने से कोई लाभ नहीं है, जिसमें हिम्मत है वही बलवान माना जाता है।