चतुर्दश अध्याय नीति : 4
एकता
चाणक्य नीति के चतुर्दश अघ्याय के चौथी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि शत्रु चाहे कितना बलवान हो, यदि अनेक छोटे—छोटे व्यक्ति भी मिलकर उसका सामना करें तो उसे हराया जा सकता है। छोटे—छोटे तिनकों से बना हुआ छप्पर मूसलाधार बरसती हुई वर्षा को भी रोक देता है। यह सच है कि एकता में बड़ी शक्ति है।