चतुर्दश अध्याय नीति : 7
करने के बाद क्या सोचना
चाणक्य नीति के चतुर्दश अघ्याय के सातवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुरा काम करने पर आत्मग्लानि होता है और बुद्धि ठिकाने पर आ जाती है। यदि ऐसी बुद्धि पहले ही आ जाए तो पछताना ही नहीं पड़े। अत: कोई भी काम सोच—समझकर ही करना चाहिए।