पंचदश अध्याय नीति : 11
चांडाल कर्म
चाणक्य नीति के पंचदश अघ्याय के ग्यारहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि घर में कोई व्यक्ति दूर से पैदल चलकर, थककर आ जाए चाहे वह बिना किसी काम के ही क्यों न आया हो, उसका आदर—सत्कार करना चाहिए। जो उसे भोजन कराए बिना स्वयं भोजन करता है उसे चांडाल मानना चाहिए।