पंचदश अध्याय नीति : 18
दृढ़ता
चाणक्य नीति के पंचदश अघ्याय के अठारहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि कट जाने के बाद भी चंदन का वृक्ष सुगंध नहीं छोड़ता। बूढ़ा हो जाने पर भी हाथी अपने लीलाओं को नहीं त्यागता। कोल्हू में पैरी जाने पर भी ईख मिठास को नहीं छोड़ देती। इसी प्रकार गरीब हो जाने पर भी कुलीन अपने शील गुणों को नहीं छोड़ता।