पंचदश अध्याय नीति :16
ब्राह्मण और लड़की
चाणक्य नीति के पंचदश अघ्याय के सौलहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि लक्ष्मीजी कहती हैं कि अगस्त्य भी ब्राह्मण थे, उन्होंने मेरे पिता समुद्र को पी डाला था। भृगु ऋषि ने मेरे पति के सीने में लात मारी थी। भृगु भी ब्राह्मण थे। सरस्वती से मेरा जन्मजात वैर है। इन ब्राह्मणों के बच्चे बचपन से ही सरस्वती की वन्दना करने लगते हैं। शिव की पूजा के लिए सदा कमलों को तोड़ डालते हैं। कमल मेरे घर के समान हैं। इस प्रकार ब्राह्मणों ने अनेक प्रकार से हानि पहुंचाई हैं। इसलिए मैं इनके घरों में कभी नहीं जाउँगी।