त्रयोदश अध्याय नीति : 6
भविष्य के प्रति जागरूक रहना चाहिए
चाणक्य नीति के त्रयोदश अघ्याय के छठी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति भविष्य में आनेवाली विपत्ति के प्रति जागरूक रहता है और जिसकी बुद्धि तेजी से काम करता है। ऐसा ही व्यक्ति सुखी रहता है। इसके विपरीत भाग्य के भरोसे बैठा रहनेवाला व्यक्ति नष्ट हो जाता है।