पंचदश अध्याय नीति :12
मूर्ख कौन
चाणक्य नीति के पंचदश अघ्याय के बारहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मूर्ख व्यक्ति चारों वेदों तथा अनेक धर्मशास्त्रों को पढ़ते हैं। फिर भी जैसे भोजन के रस को करछी नहीं जानती वैसे ही मूर्ख अपनी आत्मा को नहीं जानती है।