षष्ठदश अध्याय नीति : 15
याचकता
चाणक्य नीति के षष्ठदश अघ्याय के पंद्रहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मांगने से मर जाना अच्छा है। तिनका हलका होता है, तिनके से हलकी रूई होती है और याचक यानि मांगनेवाला रूई से भी हलका होता है। इसीलिए भिखारी की कोई इज्जत नहीं होती।