षष्ठदश अध्याय नीति: 20
विद्या और धन समय के
चाणक्य नीति के षष्ठदश अघ्याय के बीसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुस्तक की विद्या और दूसरे के हाथ में गया धन समय पर काम नहीं आती।
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षष्ठदश अध्याय नीति: 20
विद्या और धन समय के
चाणक्य नीति के षष्ठदश अघ्याय के बीसवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पुस्तक की विद्या और दूसरे के हाथ में गया धन समय पर काम नहीं आती।