सप्तदश अध्याय नीति : 12—14
शोभा
चाणक्य नीति के सप्तदश अघ्याय के बारहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि नाई के घर जाकर दाढ़ी, बाल नहीं कटाने चाहिए। पत्थर में घिसा हुआ चंदन शरीर में नहीं लगानी चाहिए। अपना मुँह पानी में नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने पर सभी की सुंदरता नष्ट हो जाती है।
वहीं तेरहवी नीति में आचार्य कहते हैं कि ये तीनों कार्य करने वालों का संपत्ति भी नष्ट हो जाती है।
चौदहवी नीति में आचार्य कहते हैं कि तुण्डी के सेवन से बुद्धि तत्काल नष्ट हो जाती है, वच के सेवन से बुद्धि का शीघ्र विकास होता है। स्त्री के साथ संभोग करने से शक्ति तत्काल नष्ट हो जाती है तथा दूध का सेवन करने से खोई हुई ताकत फिर से लौट आती है।