यह दोहा तो आपलोग अवश्य सुने होंगे— करत—करत अभ्यास जड़मति होत सुजान। रसरी आवत—जात है सिल पर पड़े निशान। मतलब जिस प्रकार एक मुलायम रस्सी के रगड़ से कुँआ के पत्थर पर निशान हो जाता है उसी प्रकार लगातार अभ्यास करने से जड़मति यानि मूर्ख व्यक्ति भी सुजान यानि महाज्ञानि बन सकता है।
अंग्रेजी में एक कहावत है — Practice makes a man perfect यानि अभ्यास मनुष्य को संपूर्ण बनाता है। असल में लगातार किया गया काम या अभ्यास हमारे आदतों में शुमार हो जाता है। जब हम कोई काम आदतन करते हैं तो इसमें श्रम भी कम लगता हे और उसका परिणाम भी संतोषजनक होता है। हमारे दिनचर्या में जो काम शामिल है, उसके लिए हमें कभी अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता नहीं हुई। न ही वह काम कभी गड़बड़ हुआ। उसी प्रकार अगर किसी भी महत्वपूर्ण या बड़ा काम में सफलता सुनिश्चित करना हो तो हमें उस काम को आदतन करना होगा। काम को आदतन करने के लिए उस काम का पर्याप्त अभ्यास करना पड़ेगा। शोध से यह पता चला है कि किसी भी काम को अगर हम लगातार कम से कम 21 दिनों तक करते हैं तो वह काम हमारे आदतों में शामिल हो जाता है। हो सकता कि इससे कुछ ज्यादा दिन लग जाये फिर भी हमें अगर काम में प्रवीणता चाहिए तो हमें लगा रहना होगा।हाँ एक बात का ध्यान रखना जरूरी है। लगातार मतलब बिना एक दिन नागा किये काम करना है।
असल में आदतन काम हम अवचेतन मन के द्वारा संपादित करते हैं। अगर थोड़ी सी जानकारी हम अवचेतन मन की हासिल कर लें तो हम जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं। हमारा मन एक है पर इसके दो भाग है— चेतन मन और अवचेतन मन । चेतन मन के द्वारा हम जागृत अवस्था में कार्य करते हैं पर अवचेतन मन हमेशा यानि 24 घंटे कार्य करते रहते हैं। जब हम सोये रहते हैं तब भी हमारा अवचेतन मन कार्य करते रहते हैं। जागृत अवस्था में भी अवचेतन मन काम करते रहते हैं।
एक उदाहरण से समझते हैं — जब हम साईकिल चलाना सीखते हैं तब शुरूआती दिनों में हम चेतन मन व्यवहार में लातें हैं परंतु जब हम अच्छी तरह साइकिल चलाना सीख जाते हैं तब हम अवचेतन मन व्यवहार में लाते हैं। जिससे हम बेहद कम मानसिक प्रयास के साईकिल चलाने में सफल हो जाते हैं। उसी प्रकार जब कोई काम हम लगातार कर अपनी आदत बना लेते हैं तो हम उस काम को बहुत कम मानसिक परिश्रम के एवं सटीकता से कर पाने में सफल हो जाते हैं।
इस प्रकार हम अच्छी आदत बना कर अपेक्षित सफलता प्राप्त कर सकते हैं और बुरी आदतों को छोड़कर जीवन को सुखमय बना सकते हैं।