यह दोहा तो आपलोग अवश्य सुने होंगे— करत—करत अभ्यास जड़मति होत सुजान। रसरी आवत—जात है सिल पर पड़े निशान। मतलब जिस प्रकार एक मुलायम रस्सी
Category: विचारालय
किस्मत बदलना हो तो संगति बदलिए
जीवन चलने का नाम है। आपने यह अवश्य सुना होगा। यहाँ चलने का मतलब प्रगति यानि विकास से है, न कि एक जगह से दूसरे
सामाजिक प्राणी बनाम प्रशिक्षित पशु
अरस्तू ने कहा था मनुष्य प्राकृतिक रूप से सामाजिक पशु (प्राणी)है। देश और काल के हिसाब से यह वक्तव्य उस जमाने में पूरे संसार के
इन कचड़ों से बचें
डायनामाईट के आविष्कारक अल्फ्रेड नॉबेल को जब इसके दुरूपयोग के बारे में पता चला तो वे बहुत दुखी हुए, और अपनी भूल सुधारने के लिए
One Nation, One Card, One Account
दोस्तों सरकार एवं जनता दोनों चाहते हैं कि देश में भ्रष्टाचार न हो और भ्रष्टाचार उन्मूलन के लिए प्रयास भी लगातार हो रहे हैं। लेकिन
मानव को हमेशा स्वयं के हित के लिए सोचना चाहिए।
दोस्तों हमारे समाज में कुछ धारणाएँ ऐसी है कि लगता तो वह सच जैसा ही है और तो और समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों
विचारशुन्यता के परिणाम
फेसबुक पर मेरे लगभग 5000 मित्र हैं। इसमें मेरा कोई विशेष योगदान नहीं है। लेकिन मैं मानता हूँ कि उनमें से ज्यादातर मित्र जानकारी, समझ
एक नया आविष्कार:आड—ईवन
हमारे वाले मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्रियों में अव्वल है। पहले मुझे पता था अब विश्वास हो गया। इंजिनियर हैं, राष्ट्रीय स्तर के सबसे कठिन प्रतियोगिता में सफल
मानव, धर्म और समाज
अगर धातुओं अथवा अन्या द्रव्यों के तरह मानव की भी शुद्धता मापने का कोई यंत्र होता तो कितना अच्छा होता। कहा जाता है कि मानव
देशभक्ति का काढ़ा
पुराने जमाने में जब विश्व के अन्य देशों में मॉडर्न मेडिसीन भी नहीं था तो हमारे पास अल्ट्रा मॉडर्न मेडिसिन था। इसीलिए तो हमलोग विश्वगुरू
विश्वगुरू भारत
हम भारतवासी विश्वगुरू थे। अभी भी अपने आपको विश्वगुरू मानते हैं और ऐसा हमारा मानना भी है कि भविष्य में भी हम ही विश्वगुरू रहेंगे।
पत्रकार बनाम पक्षकार
किसी सूचना या विचार को बोलकर, लिखकर या किसी अन्य रूप में बिना किसी रोक—टोक के अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कहते
क्या हम वास्तव में विश्वगुरू थे ?
जब कोई व्यक्ति अपना परिचय में अपने पूर्वजों का वखान कर रहा है तो समझ जाइये उसका अभी दुर्दिन चल रहा है। लोग भूतकाल के
नववर्ष मंगलमय हो।
नया साल का आगमन हा रहा है। पुराना साल को हमलोग बिदा करने वाले हैं। सच्चाई यह है कि नया साल सबके लिए नया नहीं
युवा जोश दिखायें।
युवा जोश अथवा शक्ति का खान होता है। असंभव सा दीखनेवाला कार्य युवाओं के जोश में पलभर में सम्पादित हो जाता है। दुनिया के महान
अनियंतित्रत जनसंख्या: एक आनुवंशिक रोग।
आज के विकासशील एवं अविकसित देश एक अजीब महामारी से जूझ रहा है। वह महामारी है जनसंख्या बृद्धि। अंतराष्ट्रीय संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों, विकसित देशें की
HAPPY DEEPAWALI
आज दीपोत्सव है। दीपों का त्योहार, अर्थात् अंधकार को दूर करने का त्योहार। आज के दिन अंधकार को मिटाने एवं प्रकाश को फैलाने का भरपूर
व्यक्तिगत विकास के द्वारा ही समाज का विकास संभव है।
आजकल सोशल मिडिया, सामाजिक संगठनों और राजनैतिक पार्टियों इत्यादि जैसे मंचों से अपने समाज के बुद्धिजीवियों, समाजसेवकों एवं राजनेताओं के द्वारा अपने समाज के विकास
सामाजिक विकास हेतु जनसंख्या बृद्धि रोका जाना अत्यन्त आवश्यक
पुराने जमाने में पुत्र को मोक्ष प्राप्ति के कारण माना जाता था। नि:पुत्र दम्पतियों को हेय दृष्टि से देखा जाता था। ऐसी मान्यता थी कि
अनियंत्रित जनसंख्या,विकास के मार्ग में बाधक।
विश्व में अगर किसी चीज के उत्पादन में लगातार बृद्धि हो रही है तो वह है मानव का उत्पादन। प्रत्येक सेकेंड में विश्व में कहीं
समाजोत्थान में महिलाओं की भूमिका
विश्व एक महान परिवर्त्तन के दौर से गुजर रहा है। अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्त्तन हो रहा है। परतंत्र देश स्वतंत्र होना चाहता है, स्वतंत्र
जोश के साथ होश भी जरूरी
दुनियाँ के सभी क्षेत्रों में बहुत तेजी से विकास हो रहा है। अनेक विकसित देशों की सरकारें एवं स्वयंसेवी संस्थाएँ अल्पविकसित या पिछड़े देशों के
किशोर आगे आयें।
किशोरवय में मस्तिष्क अपरिपक्व कोमल एवं अत्यन्त संवेदनशील रहता है। थोड़े दिनों में उनके शारीरिक संरचना में भी अनेक प्रकार के परिवर्तन हो जाते हैं।
युवाशक्ति: महाशक्ति
राष्ट्र की वास्तविक शक्ति युवाशक्ति ही होती है। युवाशक्ति वह शक्ति है जो चाहे तो सदियों से परतंत्र किसी राष्ट्र को क्षणभर में स्वतंत्र करा
शिक्षा के बिना विकास असंभव
आज हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं। दुनियाँ दिन दूनी रात चैगुनी प्रगति कर रही है। अनेक प्रकार के वैज्ञानिक आविष्कृत वस्तुएँ हमारी दैनिक
आपकी बात : अपनी बात
व्यक्तिगतरूप से मैं धर्म, जाति, संप्रदाय या क्षेत्र के आधार पर मानव को बाँटने के पक्ष में नहीं हूँ। ये सभी विघटनकारी तत्व के कारण
धर्म और राजनीति
भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है। एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में सभी धर्माें के अनुयायियों को समान अवसर प्राप्त होता है। धार्मिक आधार पर न तो भेदभाव
सहानुभूति नहीं सहायता चाहिए।
भारत का राष्ट्रीय खेल भले ही हाॅकी है, लेकिन हाॅकी खिलाडि़यों के प्रदर्शन से तो ऐसा लगता है कि इसे राष्ट्रीय खेल का दर्जा समाप्त
आम जनता एवं सरकार
लोकतांत्रिक गणराज्य भारत में क्या स्वतंत्रता प्राप्ति के 60 वर्ष के पूरे होने के बाद भी लोकतंत्र की जड़ें वास्तविक रूप में मजबूत हुई है?
दोस्त दोस्त न रहा
दिल्ली पुलिस के ‘सुपरकॉप’ एन काउंटर स्पेशलिस्ट एसीपी राजबीर सिंह की हत्या प्रोपर्टी डीलर विजय भारद्वाज द्वारा कर दी गई। वही विजय भारद्वाज जो उनके