सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् सस्य श्यामलां मातरंम् . शुभ्र ज्योत्सनाम् पुलकित यामिनीम् फुल्ल कुसुमित द्रुमदलशोभिनीम्, सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम् . सुखदां वरदां मातरम् ॥ कोटि कोटि कन्ठ
Category: राष्ट्र गान एव राष्ट्र गीत
जन गण मन अधिनायक जय हे
जन गण मन अधिनायक जय हे भारत भाग्य विधाता पंजाब सिन्ध गुजरात मराठा द्राविड़ उत्कल बंग विन्ध्य हिमाचल यमुना गंगा उच्छल जलधि तरंग तव शुभ