प्रथम अध्याय नीति:1.16 सार को ग्रहण करें चाणक्य नीति के प्रथम अध्याय के सौलहवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को अमृत, स्वर्ण,
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किस पर भरोसा नहीं करना चाहिए
प्रथम अध्याय नीति:1.15 किस पर भरोसा नहीं करना चाहिए चाणक्य नीति के प्रथम अध्याय के पंद्रहवें नीति में आचार्य चाणक्य विश्वासयोग्य प्राणियों के बारे में
विवाह समान में ही करना चाहिए
प्रथम अध्याय नीति:1.14 विवाह समान में ही करना चाहिए चाणक्य नीति के प्रथम अध्याय के चौदहवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं विवाह के लिए
आप जिद्दी हैं, नहीं तो आप पिद्दी हैं।
मानव का वास्तविक गुण मानव में कब होता है? अक्सर हम सब मानव के गुणों एवं दुगुर्णों की चर्चा करते हैं तब हम यह भूल
The Science of Getting Rich: Book Summary in Hindi
The Science of Getting Rich, Wallance Delois Wattles के द्वारा 1910 ई0 में लिखी गई एक ऐतिहासिक पुस्तक है, जो लाखों—करोड़ों की जिंदगी बदल चुकी
सफल होने के लिए खराब दिमाग को ठीक करवायें।
यह सच नहीं है कि पृथ्वी पर सब चीजें सबके लिए नहीं है। लेकिन क्या धन—दौलत और ज्ञान सबके पास समान है? नहीं, और शायद
सफलता (Success)
मानव के लिए आज भी भाग्य एक गूढ़ रहस्य बना हुआ है। चाहे शिक्षित हो या अशिक्षित, भाग्य को एकदम नकारने वाले विरले ही मिलेंगे।
नववर्ष मंगलमय हो।
नया साल का आगमन हा रहा है। पुराना साल को हमलोग बिदा करने वाले हैं। सच्चाई यह है कि नया साल सबके लिए नया नहीं
जीवन में सफल होने के लिए लगातार बौद्धिक विकास करते रहें।
बंधुओं जब हम शारीरिक रूप से बीमार या कमजोर होते हैं, तो क्या करते हैं? सबसे पहले किसी अच्छे चिकित्सक से उपचार या सलाह लेते
युवा जोश दिखायें।
युवा जोश अथवा शक्ति का खान होता है। असंभव सा दीखनेवाला कार्य युवाओं के जोश में पलभर में सम्पादित हो जाता है। दुनिया के महान
अनियंतित्रत जनसंख्या: एक आनुवंशिक रोग।
आज के विकासशील एवं अविकसित देश एक अजीब महामारी से जूझ रहा है। वह महामारी है जनसंख्या बृद्धि। अंतराष्ट्रीय संस्थाओं, स्वयंसेवी संगठनों, विकसित देशें की
अवसर को कभी नहीं गॅंवाओ।
अवसर इंसान को बहुत मुश्किल से मिलता है। बाधाएँ असीमित है एवं अवसर सीमित है। सफल होने के लिए अवसर के महत्व को समझना इसलिए आवश्यक
HAPPY DEEPAWALI
आज दीपोत्सव है। दीपों का त्योहार, अर्थात् अंधकार को दूर करने का त्योहार। आज के दिन अंधकार को मिटाने एवं प्रकाश को फैलाने का भरपूर
उपदेश से करनी भली।
बच्चा जैसा किन्ही को अपने समाने करते देखता है, वैसा ही करता है। विज्ञान के विषयों के शिक्षण से सैद्धांतिक अध्ययन के साथ—साथ प्रयोगिक अभ्यास
व्यक्तिगत विकास के द्वारा ही समाज का विकास संभव है।
आजकल सोशल मिडिया, सामाजिक संगठनों और राजनैतिक पार्टियों इत्यादि जैसे मंचों से अपने समाज के बुद्धिजीवियों, समाजसेवकों एवं राजनेताओं के द्वारा अपने समाज के विकास
शिक्षा के बिना विकास असंभव
आज हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं। दुनियाँ दिन दूनी रात चैगुनी प्रगति कर रही है। अनेक प्रकार के वैज्ञानिक आविष्कृत वस्तुएँ हमारी दैनिक