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अति का त्याग करें

तृतीय अध्याय नीति :3-12

अति का त्याग करें

चाणक्य नीति के तृतीय अध्याय के बारहवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि अति दोनों स्थिति में अच्छा नहीं माना जाता है चाहे भलाई हो या बुराई। सीता अत्यंत सुंदर थी इसीलिए अपहरण हुआ था। रावण अति घमंडी था इसीलिए मारा गया। राजा बलि अति दानी था इसीलिए छला गया।

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