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चांडाल प्रकृति

षष्ठम अध्याय नीति : 2

चांडाल प्रकृति

चाणक्य नीति के  षष्ठम अघ्याय के दूसरी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि पक्षियों में कौए को चांडाल समझना चाहिए। पशुओं में कुत्ते को चांडाल समझना चाहिए। मुनियों में पापी को चांडाल मानना चाहिए। दूसरों की बुराई करने वाला निदंक पक्षियों, पशुओं तथा मनुष्यों में भी सबसे बड़ा चांडाल माना जाना चाहिए।

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