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धन का प्रभाव

षष्ठम अध्याय नीति : 5

धन का प्रभाव

चाणक्य नीति के  षष्ठम अघ्याय के पाँचवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि धनवान के अनेक मित्र बन जाते हैं। बंधु—बांधव भी उसे आ घेरते हैं। धनवान को ही आज के युग में विद्वान और सम्मानित व्यक्ति माना जाता है। इस प्रकार धनवान को ही विद्वान एवं ज्ञानवान भी समझा जाता है।

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