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परिश्रम का ही फल मिलता है

तृतीय अध्याय नीति :3-11

परिश्रम का ही फल मिलता है

चाणक्य नीति के तृतीय अध्याय के ग्यारहवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि परिश्रम करने से गरीबी दूर होती है और जीवन संपन्न होता है। भगवान का नाम जपने से पाप दूर होता है। चुप रहने से झगड़ा नहीं बढ़ता है और जागते रहने से डर दूर होता है।

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