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बुद्धि ही बल है

दशम अध्याय नीति : 16

बुद्धि ही बल है

चाणक्य नीति के दशम अघ्याय के सौलहवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति के पास बुद्धि है, उसी के पास बल भी होता है। बुद्धिहीन का बल किसी काम का नहीं होता, क्योंकि बुद्धि के बिना बल का प्रयोग व्यर्थ होता है। बुद्धि के बल पर एक बुद्धिमान खरगोश ने सिंह को वन के कुंए में गिराकर मार डाला था।

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