षष्ठम अध्याय नीति : 4
भ्रमण के लाभ एवं हानि
चाणक्य नीति के षष्ठम अघ्याय के चौथी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भ्रमण यानि सदा घूमते रहने से राजा, विद्वान एवं योगी पूजे जाते हैं, पर भ्रमण करती हुई स्त्रियाँ नष्ट हो जाती है।
षष्ठम अध्याय नीति : 4
भ्रमण के लाभ एवं हानि
चाणक्य नीति के षष्ठम अघ्याय के चौथी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि भ्रमण यानि सदा घूमते रहने से राजा, विद्वान एवं योगी पूजे जाते हैं, पर भ्रमण करती हुई स्त्रियाँ नष्ट हो जाती है।