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यथा राजा तथा प्रजा

त्रयोदश अध्याय नीति: 7

यथा राजा तथा प्रजा

चाणक्य नीति के त्रयोदश अघ्याय के सातवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जैसा राजा होता है, वैसी प्रजा भी बन जाती है। राजा धार्मिक हो तो प्रजा भी धार्मिक तथा राजा पापी हो तो प्रजा भी पापी बन जाती है। इस प्रकार प्रजा राजा का ही अनुसरण करती है।

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