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विनाश काले विपरीत बुद्धि

षष्ठदश अध्याय नीति : 5

विनाश काले विपरीत बुद्धि

चाणक्य नीति के षष्ठदश अघ्याय के पाँचवी नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि विनाश आने पर बुद्धि साथ छोड़ जाती है। सोने की हिरन न तो किसी ने बनायी, न किसी ने इसे देखा फिर भी भगवान राम को क्या सूझी, सोने के हिरन को देखकर मन ललचा गया और उसे मारने चल दिए। इससे स्पष्ट होता है कि परेशानियों के वक्त व्यक्ति की अक्ल ही मारी जाती है।

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