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विवाह समान में ही करना चाहिए

प्रथम अध्याय नीति:1.14

विवाह समान में ही करना चाहिए

चाणक्य नीति के प्रथम अध्याय के चौदहवें नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं विवाह के लिए वर और वधू का परिवार समान स्तर का होना चाहिए। समझदार मनुष्य को अपने समान कुल की वधू से ही विवाह करना चाहिए। चाहे कन्या साधारण रूप—रंग की ही क्यों न हो, निम्न कुल की कन्या यदि सुंदर और सुशील भी हो तो उससे विवाह नहीं करना चाहिए। विवाह समान कुल में करना चाहिए। जैसा आज हम देखते हैं कि समान स्तर और समान विचारवाले परिवारों में विवाह न होने के कारण व्यक्ति को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है।

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