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सज्जनों का ही संगत करना चाहिए

सप्तम अध्याय नीति : 17

सज्जनों का ही संगत करना चाहिए

चाणक्य नीति के सप्तम अघ्याय के सतरहवीं नीति में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि व्यक्ति महान लोगों का साथ करता है तो उसे ज्ञान की बातें सीखने को मिलती है, जबकि नीच लोगों की संगति​ करने पर केवल दुष्टता ही सीखी जा सकती है, जैसे शेर की गुफा में जाने पर व्यक्ति को हाथी की खोपड़ी का मोती मिलता है। और गीदड़ की मांद में केवल बछड़े की पूँछ अथवा गधे की चमड़े का टुकड़ा ही मिलता है। अत: मनुष्य को सज्जनों का ही साथ करना चाहिए।

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